श्रीमद्भगवद्गीता

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गीता पर श्रीअरविन्द की टिप्पणियाँ उनकी अनेकों कृतियों में मिलती हैं जैसे कि गीता प्रबंध, योग समन्वय, दिव्य जीवन आदि। प्रस्तुत पुस्तक इन सभी स्रोतों से गीता पर श्रीअरविन्द की टिप्पणियों को क्रमबद्ध रूप से सामने लाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में प्रस्तुत गीता में पर टीका श्रीमाँ की कृतियों से लिये ग्यारह संदर्भों को छोड़कर शेष श्रीअरविन्द के शब्दों में है।

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Description

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गीता पर श्रीअरविन्द की टिप्पणियाँ उनकी अनेकों कृतियों में मिलती हैं जैसे कि गीता प्रबंध, योग समन्वय, दिव्य जीवन आदि। प्रस्तुत पुस्तक इन सभी स्रोतों से गीता पर श्रीअरविन्द की टिप्पणियों को क्रमबद्ध रूप से सामने लाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में प्रस्तुत गीता में पर टीका श्रीमाँ की कृतियों से लिये ग्यारह संदर्भों को छोड़कर शेष श्रीअरविन्द के शब्दों में है। विचार में निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ स्थानों पर संपादक द्वारा कुछ शब्द या वाक्यांश जोड़े गए हैं।

श्लोकों का अनुवाद तथा पुस्तक में दिये गये शीर्षक श्रीअरविन्द की पुस्तक ‘ऐसेज ऑन द गीता’ पर आधारित हैं। अध्यायों के परंपरागत शीर्षक प्रत्येक अध्याय के अंत में दिये गये हैं।

यह पुस्तक स्वर्गीय श्री परमेश्वरी प्रसाद खेतान की अंग्रेजी पुस्तक ‘The Bhagvad Gita’ का हिन्दी रूपांतर है। वर्ष १९९२ में छपे अंग्रेजी संस्करण के समय से ही हजारों गीता प्रेमियों तक यह पुस्तक पहुँच चुकी है और इसे बहुत ही सराहा गया है।

Additional information

ISBN

978-81-86510-25-4

Binding

Hard Bound, Soft Cover

Pages

562